3 reviews
Chapters
5
Language
Hindi
Genre
Published
September 7, 2025
क्या हो अगर वह डर जिसका आप सामना करते हैं, वह बाहर नहीं, बल्कि आपके अपने भीतर से आता हो? 'अंधेरे का आईना' आपको एक ऐसे मनोवैज्ञानिक और अलौकिक हॉरर अनुभव में खींच ले जाएगा जो आपकी सोच और कल्पना की हर हद को पार कर जाएगा। यह किताब केवल डर को दिखाती नहीं, बल्कि आपको उसमें जीने पर मजबूर करती है। हर पन्ना आपको यह महसूस कराएगा कि आप कहानी का हिस्सा बन गए हैं, जहाँ वास्तविकता और दुःस्वप्न के बीच की रेखा धुंधली हो जाती है। यह कहानी उन पाठकों के लिए है जो चरम हॉरर और मनोवैज्ञानिक रोमांच को झेल सकते हैं। यह 18+ आयु वर्ग के उन लोगों को लक्षित करती है जो डार्क स्टोरीज, अलौकिक तत्वों और दिमाग को झकझोर देने वाले अनुभवों को पसंद करते हैं। 'अंधेरे का आईना' का मुख्य संदेश यह है कि सबसे बड़ा खौफ राक्षसों या भूतों में नहीं, बल्कि इंसान के अपने दिमाग के अंधेरे कोनों में छिपा है। क्या आप अपने भीतर के अंधेरे का सामना करने के लिए तैयार हैं?
4.3
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Start Writing Nowदीपांश शर्मा, एक उभरते हुए लेखक, जो अपनी लेखनी से पाठकों को एक ऐसे सफर पर ले जाने का इरादा रखते हैं जहाँ डर की हर सीमाएं टूट जाती हैं। वह उन विषयों को छूने से नहीं डरते जो आम तौर पर वर्जित माने जाते हैं, और उनका लक्ष्य अपने पाठकों के मन में एक स्थायी प्रभाव छोड़ना है। 'अंधेरे का आईना' उनकी पहली रचना है, जो उनकी असाधारण कल्पना और मानव मन की गहराइयों को समझने की क्षमता का प्रमाण है।